Img 20221017 020035326

Churiwala/चूड़ीवाला

Rakesh RakeshLast Seen: Dec 27, 2023 @ 12:45pm 12DecUTC

16th October 2023 | 13 Views

Info: This Creation is monetized via ads and affiliate links. We may earn from promoting certain products in our Creations, or when you engage with various Ad Units.

How was this Creation created: We are a completely AI-free platform, all Creations are checked to make sure content is original, human-written, and plagiarism free.

Toggle

रोशन आगरा के ताजमहल के पास एक गांव का रहने वाला था। रोशन  अपनी साइकिल पर घूम घूम कर चूड़िया बेचा करता था। रोशन कद काठी रंग रूप से बहुत ही सुंदर था। औररोशन एक सच्चे दिल वाला युवक था। रोशन के परिवार में उसकी विधवा मां एक छोटा भाई था। रोशन को अपनी चूड़ियों की कमाई से मुनाफा मिले या ना मिले पर वह चूड़ियों की उत्तम किस्म बेचता था। और पूरी महीने नई नई किस्म की चूड़ियां लाता था। रोशन जिस गांव में भी चूड़ियां बेचने जाता था। वहां की महिलाएं युवती अपने घर के काम और दूसरे काम छोड़कर रोशन को घेर लेती थी। उन्हें चाहे चूड़ियां लेनी हो या नहीं। हर गांव के  बड़े बूढ़े बच्चे महिलाएं रोशन को बहुत पसंद करते थे। और गांव में जो भी शादी विवाह समारोह आयोजन होता था, तो उसको निमंत्रण जरूर देते थे। पर हर गांव में कुछ ऐसे आवारा युवक थे, जो रोशन से नफरत करते थे। रोशन एक गांव में चूड़ियां बेचने जाता था। वह बहुत दिनों से महसूस कर रहा था। वहां एक लड़की दूर से उसकी चूड़ियां देखा करती थी।

पर चूड़ियां लेंगे उसके पास नहीं आती थी। एक दिन रोशन को उस  लड़की के गांव की युवतियों से बातों बातों में पता चलता है, कि उस लड़की का नाम रत्ना है।  उसके माता पिता का स्वर्गवास हो गया है। वह अपनी बड़ी बहन और जीजा के साथ इस गांव में  रहती है। उसका नई-नई चूड़ियां पहनने का मन तो  बहुत होता है। पर चूड़ियां पहनने के लिए पैसे नहीं होते। रोशन का ऐसा स्वभाव था, कि वह कुछ ही क्षणों में किसी से भी मित्रता कर लेता था। रोशन रत्ना से भी मित्रता कर लेता है। और रोशन कभी-कभी रत्ना को मुफ्त में चूड़ियां भी पहना देता था। तीज का त्यौहार था। रोशन जल्दी-जल्दी सुबह अपनी साइकिल से चूड़ियां बेचने जा रहा था। उसी समय उसे रत्ना खेतों के कच्चे रास्ते में एक लड़के के साथ मिल जाती है।

 

उसदिन रत्ना रोशन को अपने  दिल की बात बताती है “कि मे इसे लड़के से प्यार करती हूं। इसका नाम धीरज है। यह हमारे गांव के प्रधान जी का लड़का है। इसके पिता हम दोनों की शादी के खिलाफ है।” इतने में वह लड़का रत्ना की बात बीच में काट कर कहता है, “रोशन चूड़ीवाले आप रत्ना और मेरी एक तरीके से मदद कर सकते हो।”रोशन कहता  है “तरीका बताओ रत्ना बहुत अच्छी लड़की है।  किसी भी तरीके से मदद करनी होगी मे तुम दोनों की मदद करूंगा।”  वह लड़का कहता है “रत्ना अपनी बहन और जीजा के नाम एक चिट्ठी लिख कर छोड़ेगी उस चिट्ठी में लिखा होगा की मे रोशन चूड़ी वाले को बहुत पसंद करती हूं। उसी से शादी करूंगी। इस  इसलिए मे घर छोड़ कर जा रही हूं। और फिर रत्ना और मैं शहर में जाकर शादी कर लेंगे। जब तक तुम गांव में चूड़ियां बेचने नहीं आना। रत्ना में  15 दिन के बाद शादी करके गांव वापस आ जाएंगे। मे और रत्ना ठीक 15 दिन बाद  तुमसे इसी जगह सुबह इसी समयमिलेंगऔर  मे गांव में आकर कह दूंगा कि रोशन चूड़ी वाले ने रत्ना को धोखा दे दिया था। इस वजह से रत्ना आत्महत्या करने जा रही थी। मैंने इसको समझा-बुझाकर रत्ना से शादी कर ली।  जब तुम गांव में चूड़ियां बेचने आओगे तो, रत्ना अपनी गलती मान कर तुमसे माफी मांग लेगी। गांव के सब लोग और रत्ना की बड़ी बहन जीजा तुम्हें बहुत पसंद करते हैं। वह सब   तुम्हें माफ कर देंगे। फिर पहले जैसे ही अपनी अपनी चूड़ियां बेचा करना।” रोशनसीधे और सच्चे दिल वाला युवक था। वह  बिना सोचे समझे मदद के लिए तैयार हो जाता है।

 

धीरे धीरेसमय बीतते बीतते 2 बरस बीत जाते हैं। रत्ना और उस लड़के की कोई खबर रोशन चूड़ी वाले को नहीं मिलती।  दिवाली का दिन था। रोशन चूड़ी वाला अपने मन में सोचता है।  दो वर्ष बीत गए शायद रत्ना और धीरज के पिता  ने उन दोनों की शादी कोकबूल कर लिया है।

 यह सोचकर रत्ना के गांव में ही चूड़ी बेचने आ जाता है।  उसे चूड़ियां बेचता  देख रत्नाकर काजीजा पकड़ लेता है। और  और रोशन चूड़ी वाले  के साथ गाली गलौज करने लगता है। इतने में रत्ना की बड़ी बहन भी आ जाती है। वह चिल्ला चिल्ला कर पूछती है, मेरी बहन रत्ना कहां है। उस से मे  मिलना चाहती हूं। रोशन  से झगड़े का गांव के आवारा युवक फायदा उठा लेते हैं।

 उनमें से  एकयुवक झूठ कह देता है, कि मुझे किसी से पता चला था, कि इस रोशन चूड़ी वाले  ने रत्ना को शहर के  कोठे पर पैसों के लालच मेंबेच दिया है। यह सुनते ही रत्ना की बड़ी बहन रोशन चूड़ी  वाले के थप्पड़ मार देती है। उसको थप्पड़ मारते देख रत्ना का  जीजा भी रोशन  चूड़ी वालों को मारने लगता है। इस सारी घटना का फायदा उठाकर आवारा युवक लाठी-डंडों से रोशन चूड़ी वाले को पीटना शुरू कर देते हैं। रोशन चूड़ी वाला बार-बार चिल्ला चिल्ला कर कहता है, एक बार मेरी बात तो सुनो पर कोई नहीं सुनता और उसे वह आवारा युवक लाठी और डंडों से इतना मारते हैं, कि  उसी समय मार खाते-खाते उसकेप्राण निकल जाते हैं। कहानी की शिक्षा -किसी भी सच्चे दिल वाले के  साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए। इस पाप की ईश्वर कभी ना कभी बहुत बड़ी सजा देता है।

Rakesh RakeshLast Seen: Dec 27, 2023 @ 12:45pm 12DecUTC

Rakesh Rakesh

@Ved Ram

Following0
Followers4


You may also like

Leave a Reply