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सोचता हूँ के लौट आओगी तुम
सोचता हूँ लौट आओगी तुमबैठता हूँ जब कभी तन्हा रातों कोउदास देखकर चाँद को तस्सली दे;कहता हूँ के लौट आओगी तुम जब जब ज़ख़्म हरा होता है दिल काइंतज़ार का मरहम लगा देता हूँ उस परएक तबस्सुम चेहरे पर लिए अपन...
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