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तल्ख़ सच से वाबस्ता कर जाएँ हम ग़मो से दोस्ती कर जाएँ हम तुझसे मिली चीज़ को कुछ ऐसे रखेज़ख्म को मोहब्बत कह जाएँ हम एक दूसरे में ये चीखना कैसा क्यों ना अब चुप कर जाएँ हम म...
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