मासूम सा तराना, वो बचपन का जमाना
बचपन की यादें सुनहरी धूप में, वो बचपन के दिन सुहाने, मनमोहक सी गलियां, वो मीठे तराने। खेल-खिलौने और गुड़ियों के घर, खुशियों से भरपूर, किसी का भी नही था डर। माँ की लोरियां, दादी की कहानियां, ममता की छांव में वो मीठी मनमानियां। पीपल की छांव और नदी का किनारा, वो कागज की नाव और बारिश का नजारा। पढ़ाई… Read More »मासूम सा तराना, वो बचपन का जमाना
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