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असमंजस
पैसे की भूख है बड़ी ही निराली जिसको लग जाए एक बार, वो सब कुछ पाकर भी हो जाता है खाली लगता है ये भूक मुझे भी सताने लगी है इसीलिये आज कल हेयरन परशान सा रहने लगा हूं,
बसंत ऋतू
बसंत का मौसम एक नई उम्मीद जगाता है, जिस तरिके से बसंत के सूरज की किरणों से सर्दी का घना कोहरा छठ जाता है, मन के बगिचे में नए फुल उगाता है, उस मन की ख़ुशी से चेहरे पर एक ख़ूबसूरत सी चमक दे जाता है,
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