कभी सोचा नही दिन में अंधेरा झा जायेगा रात में उदासी झा जायेगी कभी सोचा नही कुछ रिश्तो की दास्तान यु ही बदल जायेगी मौसम का तो काम ही है बदलना पर कभी सोचा नही की ऐहमियत यु बदल जायेगी कभी सोचा नही बढते कदमो के रास्ते में पछतावे के काटो की बोछार हो जायेगी कभी सोचा नही की कुछ बंधनो में बंधना लोगों की मजबूरी बन जायेगी कभी सोचा नहीं कुछ नातो में सोचने की नोबत आजायेगी..!!
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