हम ज़िंदगी के उस मोड़ पे खड़े हैं,
राहों के मिलनसर जूं अब हम पे पड़े हैं।
समय के किस्से और हमारी कहानियाँ सारी,
ख्वाबों की सरहा हैं हवाओं में बिखरी।
हर कदम पे बसता है वक़्त बीता ,
ज़िन्दगी के मेले में छोड़े हुए हैं निशां।
इस समय के चित्र में रंग हैं मिलते,
हमारी कहानी बिना समाप्ति के है चलती।
चलते हैं मिलकर माया के मंज़र में,
अज्ञेय को आलिंगन जैसे भविष्य हो संग।
हम ज़िंदगी के उस मोड़ पे खड़े हैं,
राहों के मिलनसर इंतजार में बड़े हैं।
दिल की गहराईयों से निकलती एक आह,
मोहब्बत की कहानी हर पल में बढ़ती है।
बेख़ौफ़ है इक नजर सपनों का आलम है,
चल पड़े हैं हम ज़िन्दगी के सफर में।
रात की चाँदनी और दिल की धड़कनों की गूंथ,
ख्वाबों का जहाँ हर पल में रौंगतें बढ़ाता है।
राहों की क़ीमतों का होता है अहसास,
मोड़ पे खड़े हैं पथरीली राहों में भी चमकते हैं।
हर कदम पे सिख और हर राज़ है छुपा,
ज़िन्दगी के मोड़ पे है अब हकीकतों का रंग।
ख्वाबों की बुँदें बरसा रहां हैं आसमान,
हम ज़िन्दगी के उस मोड़ पे खड़े हैं, मोहब्बत की खातिर।
हम ज़िंदगी के उस मोड़ पे खड़े हैं,
किस्मत का सफर है ये राह बहुत सँवारे हैं।
दिल के राज़ हैं, इस राह में छुपे,
मोहब्बत का सफर, हर पल नए इंतज़ार में ।
रातों की तन्हाइयों में बसी है एक रौशनी,
ख्वाबों की गलियों में खोए हैं हम ये सारे।
राहों का मिलन है सफलता की कहानी,
हर मोड़ पे छलकती है, जीवन की कहानी।
आसमान में उड़ते हैं सपने हमारे,
इस मोड़ पे खड़े हैं आगे की राह में बढ़ने।
हर रिश्ते की ये राह में भी हैं रुकावटें,
पर हौंसला बुलंद है और इरादा पक्का है।
हम ज़िंदगी के उस मोड़ पे खड़े हैं,
कहीं ख्वाबों की ऊंचाईयों में हैं हम, कहीं हकीकत के ज़मीनों में।
_mrunal(20/01/24)..16.34
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