जिंदगी की भागदौड़
ये जो तू भीड में दौड़ रहा है, इसमे क्या कुछ तुझसे छूट गया है, कुछ अपने पीछे छूट गए हैं, कुछ तू खुद ही खुद से रूठ गया है| इस जिंदगी की भाग-दौड़ ने, देख तेरा क्या हाल किया है, खुलकर जीने निकला था जो, उसने ज़िम्मेदारियों के बोझ को थाम लिया है| ख्वाहिशें तो दूर की बात है, अब ज़रूरी भी पूरी होती… Read More »जिंदगी की भागदौड़
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