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अनिश्चितता और आशा
तागा , तिनका में सिमटा संसार,जीवन के भंवर का कैसे पाऊं पार, एक तिनका हैँ आस का, थामें है जो जीवन को,धीर बंधाता है जो प्रति पल , मेरे आकुल मन को, एक तागा उम्मीदों का,
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