CLONED FROM: BAARAT KI RAAT PREMI SE MULAAKAT
बारत की रात प्रेमी से मुलाकात
तोड़ कर वादे सभी अब किससे मिलने जा रही हो,
छोड़ कर दिल मेरा अब किसके घर में जा रही हो|
“और”
मिलने का वादा तो तुमने मुझसे किया था ना,
फिर किससे ये मिलन की रात आई है,
इन आंखों से क्यों इतनी बरसात आई है!
“और”
तुम इतनी सज धज्ज कर क्यों बैठी हो,
ये सामने तुम्हारी बारात है ?
“और”
तुम्हारे हाथो पर जो मेहंदी सजी है
बहुत प्यारी है,
पर इस पर नाम मेरा क्यों नहीं..?
“और”
क्या अब तुम्हारी शादी हो रही है,
हमारी मोहब्बत आधि हो रही है,
क्या तुम अब पूरी तरह बदल जाओगी,
मेरे ख्यालात दिल से निकाल कर चली जाओगी,
“और”
अब जा रही हो तो चली जाना मगर,
ख्वाबो में तेरे मैं हर रात आऊंगा|
मेरे मेंहबूब का हाल पूछने,
मैं उस रब्ब से..
दो पल की मुलाकात मांग लाऊंगा,
मैं मौत के बाद भी आऊंगा |
मेरे महबूब के पास में आऊंगा..!.
tanha_shayar
Rishabh kanade
Comments