बस दौडना है

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    14th October 2024 | 2 Views | 0 Likes

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    बस दौडना है

    सिर पे बिखरे हुए बाल है

    ऑंखों में हलकीसी नमी है… 

    आवाज है तो सिर्फ सासोंके चलने की, 

    रोशनी है तो सिर्फ डुबते हुए सुरज की.. 

    जानती हू रास्ता अगला आसान तो नही 

    कॉंटो को तो हमारा छूना भी पसंद नही… 

    इन पें उम्र हमें खर्चनी नही , कमानी है

    अब चलना नहीं, बस दौडना है… 

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