मिटा देना

    0
    0

    12th September 2024 | 5 Views | 0 Likes

    Info: This Creation is monetized via ads and affiliate links. We may earn from promoting them.

    Toggle

    तुम्हारे सोच से व्यग्र हुं 

    शांति के तलाश में खालि।

    विश्व व्रह्माण्ड करते हैं 

    तुम्हारे लिए खोजता माली।

    अपने लिए नहीं है कई माली,

    बीच बीचों में मुर्छा जाऊं मैं,

    आंखों से सरसों का फुल देखने लगे,

    घुमक्कड़ के जीवन बिताने लगे।

    खाली दुसरो का चिन्ता में मरु

    कभी नहीं सोचा अपना बात।

    अपने अपने को मिटाने लगा,

    तुम्हारा क्यों होंगा शिर दर्द।कं

    You may also like