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प्यार

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    12th September 2024 | 70 Views | 0 Likes

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    मैं लिखूं अपने अल्फाजों में 

    तो क्या नहीं हो तुम मेरे 

    मेरी सुबह शाम इंतजार 

    सब तुम में शामिल है।

    मैं बिखरू तो बिखर जाऊं 

    सावन की फुहार सी 

    मैं महकूं तो महक जाऊं 

    चंदन की बायर सी।

    इंतजार बस उस पल का है 

    मिल के तुमसे कहूं 

    कितना प्यार है मुझे तुमसे

    अनंत अथाह समुद्र सा गहरा।।

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