अंदाज़े इश्क़।

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    12th September 2024 | 2 Views | 0 Likes

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    मुख पर रौनक है कैसी

    जाने क्या बात हुई ऐसी,

    कि चाँद से चेहरे पे आई 

    चमक सूरज जैसी।

    जाने कौन सी

    घटना घटी,

    कि पल में ही

    बदली काया तेरी।

    झुकी नजरें जिसकी 

    कहर ढाती थी, 

    आज वो भी थी 

    खयालों में उलझी हुई।

    बदले-बदले अंदाज़ हैं 

    कुछ तो बात है,

    जो शिकायतें भी 

    अब इश्क़ की बात हुई।

    कभी जो तरसते थे 

    एक दीदार को तेरे,

    आज वही दोनों थे 

    आमने-सामने।

    फिर इश्क़ की बात हुई 

    जिससे कभी बदली

    पूरी कायनात,

    तो कभी दुनिया बदल गई।

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