1000052438

ख़ामोशी

    0
    0

    12th September 2024 | 2 Views | 0 Likes

    Info: This Creation is monetized via ads and affiliate links. We may earn from promoting them.

    Toggle

    मन और मौन दोनो का तजुर्बा  बेमिसाल है 
    शब्दों की सिलवटों ने एहसास छुपाया बेहिसाब है 
    दुनिया तुझे मिला जो तूने चाहा हरदम 
    क्योंकि मन है मेरा बेज़ुबान  हरकदम ll 

    हर समझोता आम बन गया 
    हर समझ ने तजुर्बा ही गिनाया 
    मौन जब तक हैं लब ये हमारे 
    दुनिया में मिशाल  बन गए 
    मन ने ज़ुबा जो खोली कत्लेआम हो गए ll

    _Mou

    You may also like