जादू की झप्पी

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    12th September 2024 | 3 Views | 0 Likes

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    जीवन एक रिश्ता हैं , एक सोच फरिश्ता हैं , 

    तेरे नयन में दिखता दर्पण , सब कुछ तुझे अर्पण भाग्य विधाता |

    पिता की जादू की झप्पी में कुछ तो बात हैं , 

    यार को सीने से लगाने मे गम चला जाता , न होती ममता की कोई जात |

    होठों में लब्ज नहीं , लिखते वक्त टूटी कलम की नींव ,

    परन्तु मेरा विश्वास अटूट , मैं  और परमपिता एक |

    हमारी दृष्टि से निमित हमारी सृष्टि , 

    अपनो के पास पूरी होती तेरे दर्शन की आस , भरोसा है सब कुछ परोसता |

    आशा की किरण दस्तक दे रही , 

    मौत के बाद नई जिन्दगी की धड़कन पकड़ रही रफ़्तार सिर्फ तेरे विश्वास से | 

    – टिशा मेहता  

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