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Shaam

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    12th September 2024 | 2 Views | 0 Likes

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    सुबह वर्तमान की होती है रात भविष्य की और शाम में अतीत मुस्कुराता है, ना चाहते हुए भी हर रोज कोई मुझे मेरी यादों में मिल जाता है मैंने छुपा कर रखा है कुछ जो भूलना है मुझे वो मुझे हर रोज उसकी याद दिलाता है शाम में अतीत मुस्कुराता है सुबह उजाले की और रात अंधेर की होती है और शाम में उजाला अँधेरे को गले लगाता है ये देखकर हर रोज़ आशमान मुस्कुराता है, सुबह की झंझट और रात की पबंदी यो से आज़ाद शाम एक सुकून है✨

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