सपने वे अमूल्य वस्तु हैं,जिनका न कोई दाम है,
सपनो के धनी व्यक्ति के लिए आराम हराम है।
उस व्यक्ति के लिए न कोई सुबह न शाम है,
उसके लिए भगवान,उसका काम है।
सपने तो सफलता की पहली सीढ़ी का नाम हैं।
सपने देख लेना बहुत ही है आसान,
लेकिन सफलता तब ही है जब उन सपनों को जीने लगता है इंसान।
मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का ले ठान,
उस शिखर तक पहुंचने के लिए झोंक दे अपनी पूरी जान,
तब जाकर मिलती है उन सपनों को असल जिंदगी में पहचान।
ये सपने ही तो हैं जो हमें अपने कर्म से प्यार हैं करवाते,
मुश्किलों में भी हँसना हैं सिखाते,
विफलताओं के बाद भी राह पर डटे रहने को प्रेरित हैं करते।
ये सपने ही तो हैं जो हमें अपनी मंज़िल से हैं मिलते,
ये सपने ही तो हैं जो हमें शीर्ष तक हैं पहुंचाते।
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