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ख्वाहिशें , ख़्वाब , ज़िन्दगी

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    12th September 2024 | 4 Views | 0 Likes

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    भागती सुबहों में,
    ढलती शामों में,
    काली रातों में,
    मुसलसल यहीं ख़याल आता है, 

    ख्वाबों की लंबी फ़ेहरिस्त का इक भी ख़्वाब पूरा होने के पहले, गर जो ज़िंदगी ने दग़ा दे दिया तो!

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