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 तुम हो तो मैं हूं,  

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    12th September 2024 | 3 Views | 0 Likes

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    तुम…
     तुम वो जख़्म हो,
     जो कभी भरा नहीं,
     वो नज़्म हो,
     जो अधूरी रह गई,
     वो ख़्वाब हो,
     जो हर रोज आता है,
     वो याद हो,
     जो कभी जाती नहीं,
     वो दर्द हो,
     जिसकी कोई दावा नहीं,
     वो दुआ हो,
     जो कभी कुबुल न हुई,
     वो रात हो,
     जिसकी कोई सुबह नहीं,
     वो दिन हो,
     जो कभी ढलता नहीं,
     वो आसमां हो,
     जिसमें चांद नहीं,
    मैं 
     मैं वो संगीत हूँ
     जिसमें राग नहीं,
     वो फाग हूँ
     जिसमें रंग नहीं,
     वो जशन हूं,
    जिसमें कोई गूंज नहीं,
     वो बादल हूँ
     जिसमें बारिश नहीं,
     वो पतंग हूँ,
     जिसकी डोर नहीं 
     वो कश्ती हूँ,
     जिसका साहिल नहीं,
     वो सागर हूँ,
     जिसमें गहराई नहीं,
     वो कलम हूँ,
     जिसमें स्याही नहीं
     वो कविता हूँ,
     जिसमें प्राण नहीं

     मेरे शब्दों में अब वो ताकत नहीं,
     जो बंया कर सके हमारे अस्तित्व को,
     बस इतना है कि,
     तुम हो तो मैं हूं,
     तुम नहीं तो मैं नहीं।

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