मैं हूँ कर्मों का फल, मिलता सभी को आज नहीं तो कल।कोई मुझे पाकर होते हैं सफल, कोई मुझे पाकर होते हैं विफल।
मैं सभी को मिलता हूं अपने-अपने परिश्रम के अनुरूप, किंतु नसीब का नाम देकर बदल दिया जाता मेरा रूप।
जो करते है परिश्रम उन्हें ही होता मेरी मिठास का आभास, जो भागते मेरी मिठास के पीछे उन्हें होता कई कष्टों का आभास।
अथक प्रयास करोगे तो मुझे सफलता के रूप में पाओगे, निरर्थक प्रयास करोगे तो मुझे विफलता के रूप में पाओगे।
#अदितिकीरचना
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