अभिमान पर विराम दो

    Aditi Jaya
    @Aditi-Jaya
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    1 Likes | 5 Views | Apr 8, 2025

    कब तक खुद को बड़ा समझना, सारा जग तेरे समक्ष खड़ा चींटी भी कह रही तुझसे अभिमान पर विराम दो।

    कब तक खुद को ऊँचा समझना, आसमान तेरे समक्ष खड़ा धरा कह रही तुझसे अभिमान पर विराम दो।

    कब तक खुद को अजेय समझना, समय गति से बढ़ रहा काल कह रहा तुझसे अभिमान पर विराम दो।

    कब तक खुद को विशाल समझना, समुद्र तेरे समक्ष खड़ा हर बूँद कह रही तुझसे, अभिमान पर विराम दो।

    कब तक खुद को ज्ञानी समझना, पूरा जीवन तेरे समक्ष खड़ा कलम कह रहा तुझसे, अभिमान पर विराम दो।

    कब तक खुद को धनवान समझना, मरीज़ आखिरी वक्त की ओर बढ़ा दीन कह रहा तुझसे अभिमान पर विराम दो।

    कब तक खुद को सुखी समझाना , दुख तेरे द्वार खड़ा हंसी कह रही तुझसे, अभिमान पर विराम दो।

    कब तक खुद को संपूर्ण समझना ,परमात्मा सनातन भाव से संपूर्ण खड़ा कण-कण कह रहा है तुझसे, अभिमान पर विराम दो।

    #अदितिकीरचना