ऐजी सुनतेहो, मेरा टिकट जरा कटवादो,
जाने का समये होने आया,
बच्चों को लेके देश जाना हैI
आप तोह सावन में,
खूब आनद कर आये,
अब मेरा जाने का समय हो आया I
कार्तिक बाबा को,यात्रा कार्यकर्म जरा बतादो,
इंग्लिश महीना के अक्टूबर २ को जाना,
और १२ अक्टूबर को आना I
वो तो में कह दूंगा ,पर तुमने खबर सुना है
क्या माँ ?
कितना अनाचार चल रहा है,पृथ्वी में,
मानव तुम्हारी अर्चना करते हैं,
पर आचरण महिसासुर का रखते हैं I
वो तोह तुम्हने सही कहा बेटI
पर में तोह माँ हूँ !
इसलिए मुझे तोह जाना ही होगा,
पृथ्वी में मनुष्य को समझाने !
“जो प्राणी माँ दुर्गा का कण,
अपने अंदर ग्रहण करेगा,
वो महिसासुर प्रवृति से
मुक्ती पायेगा I”
-महुआरिन्कू

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