शायद अल्फ़ाज़ काफ़ी है…

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    25th November 2024 | 6 Views | 0 Likes

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    अगर बोले तो उल्झन सुलझ जाये, ना बोले तो उल्झन उलझ जाए, मीले तो सरगम छा जाये, ना मिले तो मातम छा जाये. जरा नसीब को तो देखो, अपना खेल खेलते खेलते, सुलझाने वाले को भी उल्झा जाए….

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