5ffa148aa4b015d769c88ded46f08bce

मासूम सा तराना, वो बचपन का जमाना

    5
    0

    20th November 2024 | 9 Views | 0 Likes

    Info: This Creation is monetized via ads and affiliate links. We may earn from promoting them.

    Toggle

     

    बचपन की यादें

    सुनहरी धूप में, वो बचपन के दिन सुहाने,
    मनमोहक सी गलियां, वो मीठे तराने।
    खेल-खिलौने और गुड़ियों के घर,
    खुशियों से भरपूर, किसी का भी नही था डर।
     
     
    माँ की लोरियां, दादी की कहानियां,
    ममता की छांव में वो मीठी मनमानियां।
    पीपल की छांव और नदी का किनारा,
    वो कागज की नाव और बारिश का नजारा।
     
     
    पढ़ाई के डर से कहीं छुपकर बैठ जाना
    पकड़े जाने पर बहाने हजार बनाना।
    साइकिल की सवारी और पतंग की उड़ान,
    मन में बसे अनगिनत सुनहरे अरमान।
     
     
    खट्टी-मीठी टॉफियां, दशहरे का वो मेला,
    रंग-बिरंगा वो बचपन का खेला।
    ना थी चिंता, ना कोई फिक्र
    परेशानियों का भी नही था जिक्र।
     
     
    पलट कर देखूं तो याद बहुत आता है
    बचपन का वो जमाना खुशियां दे जाता है
    लौटकर नहीं आयेंगे बचपन के वो पल
    कहता है ये जीवन, चल अब बस आगे चल।
     
     
    #milyin#newcreation#kids#storiesforkids#kidsstories#children#story#stories#moralstories#education#learning#poem#poetry#kavita

    You may also like