॥ राम नाम की महिमा ॥
श्री राम से है मेरा,
जनम-जनम का नाता ।
उठते-बैठते,खाते-पीते,
राम नाम मेरे मन में आता ॥ १ ॥
श्री राम नाम की,
महिमा अपरंपार है ।
जो श्रीराम की शरण में आता,
होता उसका कल्याण है ॥ २ ॥
यह दुनिया माता भ्रम है,
यहाँ सत्य केवल राम है ।
श्रीराम की भक्ति करो,
श्रीराम की लीला अपरंपार है ॥ ३ ॥
ऋषि-मुनि सब कहें,
श्रीराम है जीवन का मूल ।
इसलिए उनको तू ,
प्राणी कभी ना भूल ॥ ४ ॥
-शैलेश त्रिपाठी
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