दीपावली की रौशनी
🪔🪔🪔🪔🪔
दीप जलें हर द्वार पर, उजियारा हर ओर हो
अंधियारे का अंत हो, खुशियाँ हर ओर भरपूर हों
दीयों की ये पंक्तियाँ, जैसे तारे झिलमिलाएँ,
हर घर में सुख-समृद्धि की रौशनी लहराए।
रंगोली से सजे आँगन, महके हर एक फूल,
मन की हर उलझन मिटे, मिटे हर एक शूल।
लक्ष्मी का आशीर्वाद हो, धन धान्य का हो प्रकाश,
दीप जलें मन में भी, हर मन में हो उल्लास।
अमावस की इस रात में, जगमग हो हर कोना,
साथ में परिवार हो,तभी मुमकिन है खुश होना
जलाएं प्रेम के दीप, मिलजुल के ये पर्व मनाएँ,
दीपावली की इस रौनक में, खुशियां अपार पाएं।
दीप जलें और प्रेम बढ़े, खुशियों का हो संचार,
हर दिल में दीप जले, हो मंगलमय संसार।
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