अहम

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    12th September 2024 | 4 Views | 0 Likes

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    दुश्मन है क्या इंसान का

    क्या है पता इंसान को?

    इंसान ही इंसान को इंसान ना समझ सका

    क्या है खबर इंसान को?

    अहम तेरा, अहम मेरा;

    कयामत ये कैसा घिरा|

    हमदर्द बचा ना हमसफर बचा;

    इंसान ना समझ सका

    संवाद या विवाद है;

    फर्क ना समझ सका|

    जीत है या हार है;

    तय ना ये कर सका|

    समझ सका इंसान, लेकिन;

    समय की मार के तले|

    समय ने ऐसा दाव खेला;

    प्रलय भी खेल ना सके|

    इंसान तू ये जान ले|

    दुश्मन को तू पहचान ले|

    है आंतरिक, ना अन्तरिक्षय;

    इस वाद को तू बांध लें|

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