Us chand se maine jab jab ye puchha hai,
Is zamee pe kyun nahi koi tumhare jaisa hai,
Har baar chand ne ek rosni tum par dala hai,
Chand ne ye taslim kiya ye bilkul mere jaisa hai,
Muskan tumhari hontho ka zannat ki ek bagicha hai,
Chamak tumhari aankhon ka taro jaisa chamkila hai,
Mahak tumhari sanson ka Fizaon me faila hai,
Tumhari pyari baton se hi to rosan ye albela hai,
Kuchh khas hai tum me, kyun tum itni pyari ho,
Hoor si ho tum kya zannat se zamee pe aayi ho,
Suno Ek ladka hai jo aankhon me samandar rakhta hai,
Tham lo usko tum wo tumhare khawabon me hi rahta hai.
उस चाँद से मैंने जब जब ये पूछा है, इस ज़मीन पर क्यों नहीं कोई तुम्हारे जैसा है,
हर बार चाँद ने एक रौशनी तुम पर डाला है,
चाँद ने ये तस्लीम किया ये बिल्कुल मेरे जैसा है,
मुस्कान तुम्हारी होठों का ज़न्नत की एक बगीचा है,
चमक तुम्हारी आँखों का तारो जैसा चमकीला है,
महक तुम्हारी सांसों का फिजाओ में फैला है,
तुम्हारी प्यारी बातों से ही तो रौशन ये अलबेला है,
कुछ खास है तुम मे ,क्यों तुम इतनी प्यारी हो,
हूर सी हो तुम क्या ज़न्नत से जमी पे आई हो,
सुनो एक लड़का है ,जो आँखों में समंदर रखता है,
थाम लो उसको तुम ,वो तुम्हारे ख्वाबों में ही रहता है।
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