“Ask me anything “
Talk with strangers की साइट पर जब ये नाम दिखा तो खुद को रोक नहीं पाई मैं, बस मेसेज कर दी “कुछ भी पूछ सकती हूँ? जवाब दोगे न? ”
और रिप्लाई आया ” Confused always…. ह्म्म्म नाम से ही पता चल रहा doubts तो बहोत होंगे, पूछो क्या पूछना है? “
और उस दिन से शुरू हुई हमारी कहानी..
कहानी एक लड़के की जो बचपन से प्यार की तलाश में है, जिसे ना तो माता पिता का ही प्यार मिला ना भाई बहन का ही। उसके हिस्से आयी तो बस जिम्मेदारी, घर का एकलौता बेटा होने की जिम्मेदारी, बहनो का भाई होने की जिम्मेदारी, खुद को हमेशा तन और मन से मजबूत रखने की जिम्मेदारी, जिनका बोझ वो अकेला ही ढोता है। तो ये तो है कहानी का एक हिस्सा..
अब जैसा कि लगभग हर लव स्टोरी में, एक इंसान समझदार, बुद्धिमान, और जिम्मेदार होता है और दूसरा ठीक उसके विपरीत… कुछ ऐसा ही हमारी कहानी में भी था… जहाँ विवान सुलझा हुआ लड़का था, मैं थोड़ी immature, जल्दी हार मान लेने वाली, थोड़ी बुध्दू सी लड़की थी।
हाँ, हमारी कहानी में जो एक चीज़ अलग थी वो थी दूरी। हम दोनों अलग – अलग शहर अलग- अलग सोच रखने वाले परिवार से थे। मतलब ये कि जहाँ आज की जेनरेशन hookup में भरोसा करती है, हम लॉन्ग डिस्टन्स निभा रहे हैं, वो भी ईमानदारी से।
तो हम शुरू करेंगे उस दिन से जो मेरे लिए तो पहले से ही स्पेशल था पर अब हम दोनों के लिए स्पेशल बन गया, और वो था मेरा बर्थडे। मुझे अच्छे से याद है मैं उस दिन एग्जाम देकर आयी और बेड पर लेटी थी, इस सोच में की काश कोई मेरी लाइफ में भी होता कम से कम आज के दिन अकेला तो फील नहीं करती, पर अब सोचने से तो कुछ होने वाला था नहीं तो बस मैं भी फोन उठा ली की कोई तो बात करने वाला मिल ही जाएगा, पर मुझे सच में नहीं पता था की इस साल भगवान जी ने मेरे लिए पहले से ही गिफ्ट प्लान कर रखा है ( मेरी खुशी)।
बातचीत तो नॉर्मल ही थी, उसने मुझसे पूछा की कोई है तुम्हारी लाइफ में, जिसके बदले मेरा रिप्लाई था नहीं, सिंगल हूँ। और उधर से मैसेज आया कि अगर तुम्हारे लिए चेहरा मायने नहीं रखता तो मैं तुम्हें प्रपोज करना चाहता हूँ, और मैं मान गयी, इस शर्त पर की हम सिर्फ़ ट्राई करेंगे अगर साथ अच्छा लगा तो ही कमिटमेंट देंगे, और रिलेशनशिप को आगे बढायेंगें ।
उस दिन से प्यार का जो खुमार चढ़ा, वो हमारे दिमाग से आज तक नहीं उतरा, पहले तो सोशल मीडिया पर चैटिंग हुई, और फ़िर शुरू हुआ बातों का सिलसिला, जो शाम से हमारी बातें शुरू होती तो सुबह के 5 बजे तक चलती, ना उसे थकान होती ना मुझे।
पर ये खुशी भी ज्यादा दिन की नहीं थी, मुश्किल से 1 महीना हुआ होगा, की उसकी जॉब चली गई, और उसके कुछ दिन बाद ही मेरे मेडिकल रिपोर्ट्स आ गए, फिर शुरू हुई हमारी परीक्षा की घड़ी, पहले तो दोनों ने सोचा कि लाइफ में बहुत समस्या है, ब्रेकअप कर लेते हैं, वैसे भी 1 महीने में किसी से अटैचमेंट थोड़े ही हो जाती है। पर जैसे उसने सोच रखा था किसी भी कीमत पर साथ निभाने का, इसलिए वो अपनी बातों से पीछे नहीं हटा, जो कहा था उसने, वो किया भी। अब हम सब कुछ किस्मत पर छोड़ चुके थे, पर कहते हैं ना सुबह होने से पहले रात बहोत गहरी हो जाती है, हमारी जिंदगी भी हमारे साथ कुछ ऐसा ही करने लगी, अब 4 महीने बीत चुके थे, हमने मिलने का भी प्लान कर लिया था, पर इस बार फिर हमारे बीच मेरी हेल्थ कंडिशन आ गयी, और एक बार फिर उसने मुझे संभाला, एक दूसरे को उम्मीद देते हुए दोनों वापस से जीने लगे इस इंतज़ार में की कभी ना कभी तो मिलेंगे। ऐसा नहीं था की हमारे बीच हर वक्त सब अच्छा था, नहीं लड़ाई झगड़े तो हर दिन की बात हो गयी थी, कितनी बार तो 2 से 3 दिन हो जाते थे, कॉल या चैट किये हुए, पर वो कहते हैं ना की ” Don’t give up ” .
ना तो उसने मुझे कभी खुद से दूर किया और ना मैंने कभी इस रिश्ते को तोड़ने का सोचा, efforts दोनों ने किये हाँ उसकी तरफ़ से ज्यादा रहे हैं हमेशा से। इसी तरह नोंक झोंक और प्यार तकरार के साथ समय बीतने लगा, अब हमारे रिश्ते को 7 महीने पूरे होने को थे, इसी बीच विवान का बर्थडे आया, पर इस बार भी प्यार और उम्मीद के अलावा मेरे पास कुछ न था उसे देने के लिए। खैर वक्त कभी नहीं रुकता, उसे तो बीतना ही था, कुछ दिनों के बाद मैं अपनी पढ़ाई के लिए दूसरे शहर आ गई। जगह बदलने से उम्मीद भी नया रूप लेने लगी, की अब तो हम मिलेंगे ही, क्योंकि उसने भी जॉब स्विच कर लिया था। सब कुछ प्री प्लानड था, हम दोनों ही एक्साइटेड थे, पर शायद किस्मत अभी भी हमें मिलाने को तैयार नहीं थी। एक बार फिर पैसे बीच में आ गए, और हमारी तमन्ना अधूरी रह गई, पर हमने हार नहीं मानी। अब हमारे रिश्ते को 1 साल पूरा होने वाला है, और वो दिन आने वाला है जिस दिन किस्मत ने हमें मिलाया था, और हमारे दिल में फ़िर से एक उम्मीद जागी है, उम्मीद एक दूसरे को सामने से देखने की, उम्मीद एक दूसरे को महसूस करने की और उम्मीद साल भर का प्यार अपने प्यार पर लुटाने की।
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