कि तुम खिड़की खुली रखना, मेरा कबूतर ख़त देने आएगा
जिस जिसने तुझे खोया है वो ज़रूर पछतायेगा
वो जिसके लिए तुम बर्बाद होगये,
वो भरी महफ़िल में तेरा ही मज़ाक बनाएगा।
तुम्हें सपने दिखाकर, तुमसे दूर होकर
वो जाकर किसी और की ज़िन्दगी सजायेगा।
हाँ ये बात सभी जानते हैं कि तू उसके पीछे पागल है
लेकिन फिर भी वो ये बात बार-बार दोहराएगा।
तूने सब कुछ कुर्बान कर दिया उस एक शख्स पर
कि तूने सब कुछ कुर्बान कर दिया उस एक शख्स पर
वो खिल-खिलाकर ये किस्से अपनी दूसरी माशूका को सुनाएगा
और तू चिंता ना कर दोस्त
अरे तू परेशान ना हो मेरे दोस्त
जब वो तीसरा उसे इसी तरह सताएगा
तो उसकी ज़ुबान पर बेशक़ तुम्हारा ही ज़िक्र आएगा
वो तुम्हे एक ख़त भेजकर तुम्हारी यादों में डूब जायेगा
कहेगा तुमसे कि तुम खिड़की खुली रखना,
मेरा कबूतर एक ख़त देने आएगा।
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