जिंदगी की भागदौड़

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    12th September 2024 | 27 Views | 0 Likes

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    ये जो तू भीड में दौड़ रहा है,

    इसमे क्या कुछ तुझसे छूट गया है,

    कुछ अपने पीछे छूट गए हैं,

    कुछ तू खुद ही खुद से रूठ गया है|

    इस जिंदगी की भाग-दौड़ ने,

    देख तेरा क्या हाल किया है,

    खुलकर जीने निकला था जो,

    उसने ज़िम्मेदारियों के बोझ को थाम लिया है|

    ख्वाहिशें तो  दूर की बात है,

    अब ज़रूरी भी पूरी होती कहा है,

    इस जिंदगी की भाग-दौड़ में,

    अब खुद से भी बातें होती कहा है|

    अपनों के लिए निकला था,

    अपनों से ही दूर हो गया,

    इस जिंदगी की भाग-दौड़ में,

    तू कितना मगरूर हो गया|

    ये तू हम ही है,

    हम ही इतने मजबूर हो गए,

    अपनी चंद जरुरत के लिए,

    अपनों से ही दूर हो गए||

    #poem #heart #social #google

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