रितिका सिंह, जो रजनीकांत की फिल्म में अपनी दमदार परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती हैं, ने अपनी 'फैट टू फिट' जर्नी से कई लोगों को प्रेरित किया है। घुटने की चोट के बावजूद उन्होंने जिस दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति से वजन कम किया, वह वाकई काबिले तारीफ है। आइए जानते हैं उनकी इस प्रेरणादायक यात्रा के बारे में:
रितिका सिंह एक प्रशिक्षित किकबॉक्सर और मार्शल आर्टिस्ट हैं। फिल्मों में आने से पहले वह किकबॉक्सिंग में अपना करियर बना चुकी थीं। हालांकि, घुटने की चोट के कारण उनकी शारीरिक गतिविधियां सीमित हो गईं, जिसका असर उनके वजन पर पड़ा। चोट के कारण वह पहले की तरह தீவிர कसरत नहीं कर पा रही थीं और धीरे-धीरे उनका वजन बढ़ने लगा।
वजन बढ़ने के बाद रितिका ने इसे कम करने का फैसला किया। उनके लिए यह आसान नहीं था, खासकर घुटने के दर्द के साथ। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और एक सुनियोजित तरीके से अपनी फिटनेस पर काम करना शुरू किया।
रितिका सिंह की 'फैट टू फिट' यात्रा में निम्नलिखित बातें महत्वपूर्ण रहीं:
* सही मार्गदर्शन: रितिका ने एक फिटनेस ट्रेनर और न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह ली। उन्होंने उनकी शारीरिक स्थिति और जरूरतों के अनुसार एक विशेष डाइट प्लान और एक्सरसाइज रूटीन तैयार किया।
* डाइट पर नियंत्रण: रितिका ने अपनी डाइट में बड़े बदलाव किए। उन्होंने जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाई और स्वस्थ, पौष्टिक भोजन को प्राथमिकता दी। उनके डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल थे। उन्होंने कैलोरी की मात्रा पर भी ध्यान दिया और संतुलित भोजन लिया।
* विशेषज्ञ की देखरेख में व्यायाम: घुटने के दर्द को ध्यान में रखते हुए, रितिका ने ऐसे व्यायाम चुने जो उनके घुटनों पर ज्यादा दबाव न डालें। इसमें तैराकी, योग, पिलेट्स और हल्की कार्डियो एक्सरसाइज शामिल थीं। उन्होंने धीरे-धीरे और सावधानी से एक्सरसाइज शुरू की और अपनी क्षमता के अनुसार धीरे-धीरे तीव्रता बढ़ाई।
* अनुशासन और निरंतरता: वजन कम करने की यात्रा में अनुशासन और निरंतरता सबसे महत्वपूर्ण होती है। रितिका ने नियमित रूप से अपने डाइट प्लान और एक्सरसाइज रूटीन का पालन किया। उन्होंने कभी-कभी आने वाली मुश्किलों को भी पार किया और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा।
* सकारात्मक दृष्टिकोण: रितिका ने अपनी इस यात्रा के दौरान सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा। उन्होंने अपनी प्रगति को सराहा और छोटी-छोटी सफलताओं से भी प्रेरणा ली। नकारात्मक विचारों को उन्होंने खुद से दूर रखा, जिससे उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिली।
रितिका सिंह की कहानी हमें सिखाती है कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति और सही मार्गदर्शन हो तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। घुटने के दर्द जैसी शारीरिक बाधा के बावजूद उन्होंने जिस तरह से वजन कम किया, वह उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण अपनी फिटनेस को लेकर निराश हो जाते हैं। उनकी यह 'फैट टू फिट' जर्नी दिखाती है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए उम्र या शारीरिक स्थिति कोई बाधा नहीं है, बस मजबूत इरादे की जरूरत है।
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