इस दोगली दुनिया में पता नहीं,
तुम्हें ही क्यों अच्छा मान बैठी,
वैसे तो बहुत लोग हैं मुझे पूछने को,
पर पता नहीं क्यों तुम्हें ही सच्चा मान बैठी।
इस दोगली दुनिया में पता नहीं,
तुम्हें ही क्यों अच्छा मान बैठी,
वैसे तो बहुत लोग हैं मुझे पूछने को,
पर पता नहीं क्यों तुम्हें ही सच्चा मान बैठी।
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