Start typing...तुम्हें अपना बताएंगे।
मालिकाना हक़
तेरे दिल पे जताएंगे
कि अब जो मिलेंगे
तुम्हें अपना बताएंगे।
ना रखेंगे
दिल की बात दिल में,
हर बात तुमसे
कह जाएंगे
कि अब जो मिलेंगे
तुम्हें अपना बताएंगे।...
...थे बहुत फासले
जैसे फूलों का रिश्ता है
पेड़ की डाली से,
हम वैसा ही रिश्ता निभाएंगे
टूट के झड़ेंगे, फिर तुमसे ही
मिलने आएंगे नए रुप में
कि अब जो मिलेंगे
तुम्हें अपना बताएंगे।
तेरे मेरे बीच में,
पर फासलों ने
फैसले ना बदले
और यही कहेंगे,
कि अब जो मिलेंगे
तुम्हें अपना बताएंगे।
जैसे हर रात की
सुबह होती है,
वैसे ही हम भी आएंगे
कि अब जो मिलेंगे
तुम्हें अपना बताएंगे।
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