Creation 761939

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    0 Likes | Views | Mar 17, 2025

    वो जहाँ भी

    मुकम्मल होगा,

    जिसमें साथ

    तेरा मेरा होगा।

    ना मुश्किलें

    ना कभी गम होगा,

    जब हाथ

    थामा तेरा होगा।

    कोई सितम ना

    डर का बसेरा होगा,

    जब तेरे प्यार का

    सख्त पहरा होगा।

    कभी दिल था

    बंजर रेगिस्ताँ,

    तेरी मुहब्बत ने

    उसे बनाया गुलिस्ताँ।

    टूट जाएगा

    भ्रम नफ़रत का,

    जब इश्क़ में डूबा