‘ तेरी यादों का मौसम’

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    5 Likes | 2 Views | Mar 1, 2025



    दिल की तन्हाइयों में गूंजती आवाज़ हो तुम,
    ख़्वाब बनकर निगाहों में जो हर राज़ हो तुम।

    रात भर चाँदनी में भीगी सिसकती हवाएँ,
    जैसे दिल के किसी कोने की आगाज़ हो तुम।

    छू लिया जब से तेरा नाम लब ने मेरे,
    अब तो हर बात में इक मीठी अंदाज़ हो तुम।

    तेरी यादों के मौसम से जो दिल महके है,
    उस बहारों की ख़ुशबू का ही आगाज़ हो तुम।

    हमसफ़र बनके चलो संग ये वादा कर लो,
    हर सफ़र में मेरे जीने की परवाज़ हो तुम।

    जिया अंसारी ✍️✍️