अधूरे चाँद से फरियाद तो करता होगा,
वो मुझे ज़्यादा नहीं, पर याद तो करता होगा।
बहुत मशरूफ सही वो दिन भर, फेर भी तन्हाई में कुछ पल मेरे लिए बरबाद तो करता होगा |
अधूरे चाँद से फरियाद तो करता होगा,
वो मुझे ज़्यादा नहीं, पर याद तो करता होगा।
बहुत मशरूफ सही वो दिन भर, फेर भी तन्हाई में कुछ पल मेरे लिए बरबाद तो करता होगा |
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