Zindagi ek Safar hai/poetry
कहा था ना मैंने कि वक्त के सांचे में ढाल लूंगी खुद को वो वक्त का कहर था जिसने चेहरे की रंगत छीन ली थी और अब रब की मेहरबानी है जिसने चेहरे पर नूर बरसाया है रब की मेहरबानी होगी तब जिंदगी संवार लूंगी #zindagi #safar
कहा था ना मैंने कि वक्त के सांचे में ढाल लूंगी खुद को वो वक्त का कहर था जिसने चेहरे की रंगत छीन ली थी और अब रब की मेहरबानी है जिसने चेहरे पर नूर बरसाया है रब की मेहरबानी होगी तब जिंदगी संवार लूंगी #zindagi #safar
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