लड़की हूँ ना......!!
लड़की हूँ ना………. चहकती हुई, खिलखिलाती हुई मैं खेलती थी खिलौनों से जिसमे होती थी गुड़िया, बचपन से ही माहौल ने, समाज ने खिलौनों में भी अंतर कर रखा है लड़की और लड़के के बीच। लड़की हूँ ना……….. बड़ी हुई तो बार – बार ये बातें दिमाग में भरी गईं कि ये घर तुम्हारा नहीं है तुमको किसी और के घर जाना होगा, वो चहकती… Read More »लड़की हूँ ना……!!
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