क़दमों तले तारा ✨
यह कविता संघर्ष, हौसले और आत्मविश्वास की प्रेरणादायक गाथा है। यह बताता है कि उसने जीवन की धूप और काँटों को चुपचाप सहा, पर कभी हार नहीं मानी। जब सपने टूटे, तो हौसले ने नई दीवारें खड़ी कीं। थकान ने जब रुकने को कहा, तब दिल ने आगे बढ़ने की ताक़त दी। अंधेरे से ही उजाले का जन्म हुआ, और गिरने वाला ही असली सितारा बना। हर कोशिश कवि के लिए कविता थी और हर आँसू में एक अनमोल मोती छुपा था। कविता यह संदेश देती है कि क़ामयाबी सिर्फ मंज़िल नहीं, बल्कि वह सफ़र है जो हमें भीतर से मज़बूत और जीवित बनाता है।
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