तुम्हारी यादों में
खुद को खो-देती हूँ।
कभी कभी याद आई …
तो रो-देती हूँ।
पहले कहा हम लिखते थे |
खुशनुमा जिंदगी जिते थे।
पहले कहा हम शायर थे।
जो लेखती चलाते थे।
कुछ तो बात थी तुममे ,
जो मुझे पागल बना देती थी।
शब्दों के मायाजाल मे ,
कविताएँ बना देता थी।
कुछ तो बात थी तुममे ,
जो मुझे पागल बना देती थी।
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