प्रेरणा तुम मेरे लिए क्या हो तुम, मेरी प्रेरणा हो ! जन्मो के मीत, जीवन संगीत हो ! खोजता रहा उम्र भर जिसे, तुम मेरी वो प्रीत हो | हृदय की आवाज़, सफ़ेद पन्नो से टकराकर, जन्म दे रही कुछ शब्दो को; और दे रही है जन्म, कुछ गीतो को तुम उनकी सुर, लय और ताल हो| तुम, मेरी प्रेरणा हो !
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