वो हर बात भूल जाती थी — तारीख़ें, वक़्त, चेहरे तक।
उसे एक बीमारी थी — short-term memory loss।
पर मैं उसे रोज़ नया बन कर मिलता।
नया नाम, नई कहानी… पर एक ही एहसास।
हर शाम एक पुरानी डायरी निकालता,
उसे वो सब पढ़कर सुनाता जो हम एक साथ जी चुके थे —
पहली बारिश, पहली लड़ाई, पहला हाथ पकड़ना…
एक दिन उसने मुझसे पूछा,
"क्या हम पहले भी मिले हैं?"
मैं हँस पड़ा, बोला:
"हर रोज़… पर तुम भूल जाती हो।"
उसने मेरी आँखों में देखा और कहा:
"फिर तो तुमसे हर रोज़ प्यार करना चाहिए, न?"
< कुछ लोग एक बार प्यार करते हैं…
पर सच्चे लोग हर रोज़ उसी इंसान से दोबारा प्यार करना सीख जाते हैं।
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