सैनिकों के नाम प्रार्थना — एक कविता
हे वीर सपूतों की धरती के लाल,
तुम हो वतन के सच्चे रखवाल।
सीमा पर खड़े हो बनकर दीवार,
तुमसे ही महकता है देश का प्यार।
हर रात तुम्हारी नींदें कुर्बान हैं,
हर सुबह तुम्हारी वीरता की पहचान है।
माँ की ममता, बहन का स्नेह,
सब छोड़ चले तुम देश के वेह।
हम करते हैं हाथ जोड़कर दुआ,
तुम्हारी रक्षा करे हर हवा।
बचाए तुम्हें हर विपदा से भगवान,
मिले तुम्हें जीवन का सच्चा सम्मान।
जो गोलियाँ चलती हैं अंधेरे में,
उनसे दूर रहे तुम्हारी राहें सवेरे में।
जो बर्फ़ीली रातें, तपती धूपें सहते हो,
हमारी खुशियों के लिए सब सहते हो।
हे वीर, सलाम है तुम्हारी कुर्बानी को,
हम दुआ देते हैं तुम्हारी हर कहानी को।
सुरक्षित रहो, सुखी रहो सदा,
तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान रहे हमेशा बना।
जय हिन्द।
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