क्यों तुम मायूस है बन्दे?
क्यों तू परेशान है?
क्यों तू रोता रहता है?
क्यों तू बेकार में सोचता रहता है?
क्यों तुझे अपने पर गरूर है?
क्यों तू अपने अहंकार में चूर है?
सब कुछ रह जाना ओ बन्देया ,
कुछ न तेरे हाथ आना है,
और जो तेरे हाथ आना है वो यही रह जाना है |
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