सफ़र

    Ritu Gautam
    @Ritu-Gautam
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    3 Likes | 4 Views | May 4, 2025

    अब कहाँ ये मन एक जगह ठहरता है,

    अब कहाँ ये बाग परिंदों से चहकता है,

    खुद में उलझा ये मन खुद से ही मुकरता है, 

    अब कहाँ ये सफ़र सुकून से गुजरता है।।

    #poetry               "Ritu"

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