अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा न सिर्फ समझदार बल्कि जीवन में कामयाब भी बने, तो इसके लिए सिर्फ घर पर उसका ध्यान रखना ही काफी नहीं है। आपको यह भी समझना होगा कि वह स्कूल और ट्यूशन में कैसा प्रदर्शन कर रहा है, उसका व्यवहार वहां कैसा है और वह किन चीजों में आगे बढ़ रहा है।

अक्सर माता-पिता यही सोचते हैं कि टीचर से सिर्फ मार्क्स या होमवर्क के बारे में पूछना ही जरूरी है, लेकिन अगर आप कुछ अहम सवाल पूछें तो आप अपने बच्चे की सोच, व्यवहार और काबिलियत को गहराई से समझ सकते हैं। आइए जानते हैं वे सवाल जो आपको अपने बच्चे के शिक्षक से जरूर पूछने चाहिए।
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1. **मेरा बच्चा क्लास में कैसे बिहेव करता है?**
यह सवाल आपको यह जानने में मदद करेगा कि बच्चा सोशल इंटरैक्शन में कैसा है – क्या वह दूसरों से मिलजुल कर रहता है या अकेला रहता है। यह जानकारी बहुत अहम होती है ताकि आप उसकी इमोशनल ग्रोथ पर काम कर सकें।
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2. **क्या वह सवाल पूछता है या चुप रहता है?**
सीखने की प्रक्रिया में जिज्ञासा बहुत जरूरी है। अगर बच्चा सवाल पूछता है, तो इसका मतलब है कि वह एक्टिव लर्नर है। अगर वह चुप रहता है, तो हो सकता है वह कुछ समझ नहीं पा रहा हो या आत्मविश्वास की कमी हो।
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3. **क्या वह टीमवर्क में अच्छा है?**
बच्चों को कोऑपरेटिव बनाना आज की दुनिया में बेहद जरूरी है। टीम में काम करना उन्हें नेतृत्व, सुनने की क्षमता और दूसरों की राय का सम्मान करना सिखाता है।
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4. **उसके स्ट्रॉन्ग और वीक पॉइंट्स क्या हैं?**
हर बच्चे की ताकत और कमजोरी अलग होती है। जब आप शिक्षक से यह सवाल पूछते हैं, तो आप अपने बच्चे की क्षमताओं को सही दिशा में गाइड कर सकते हैं।
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5. **क्या वह समय पर अपना होमवर्क और प्रोजेक्ट पूरा करता है?**
समय प्रबंधन और जिम्मेदारी जैसे गुणों की शुरुआत स्कूल से ही होती है। यह जानकारी आपको बताएगी कि बच्चा कितनी जिम्मेदारी से अपने काम करता है।
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6. **क्या वह किसी बात से परेशान या स्ट्रेस में दिखता है?**
अक्सर बच्चे स्कूल में कुछ समस्याओं का सामना कर रहे होते हैं लेकिन घर आकर वह जाहिर नहीं कर पाते। यह सवाल उनकी मानसिक स्थिति को समझने में मदद करेगा।
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7. **क्या वह क्लास में भागीदारी करता है – जैसे एक्टिविटी, प्रेजेंटेशन या प्रतियोगिताएं?**
एक्टिव भागीदारी से बच्चों में आत्मविश्वास और नेतृत्व के गुण विकसित होते हैं। यह जानना जरूरी है कि आपका बच्चा केवल किताबों तक सीमित है या अन्य गतिविधियों में भी रुचि लेता है।
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निष्कर्ष
बच्चों की परवरिश केवल उनके खाने-पीने और पढ़ाई तक सीमित नहीं है। यह एक समग्र प्रक्रिया है जिसमें स्कूल और घर दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अगर आप अपने बच्चे को कामयाब बनाना चाहते हैं, तो स्कूल से जुड़िए, उसके शिक्षकों से बात कीजिए और उपरोक्त सवालों के माध्यम से उनके व्यवहार, सोच और प्रतिभा को गहराई से समझिए। एक जागरूक पैरेंट ही समझदार बच्चे की नींव रख सकता है।
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