पाकिस्तान और आईएसआई पर एक बात साफ है कि उनके बारे में कभी नहीं कहा जा सकता कि वे कब क्या कर बैठेंगे। पिछले 45 वर्षों से, जब से उन्होंने आतंकवाद को भारत के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया है, तब से उनके अगले कदम का पहले से ही पता लगता रहा है।
आईएसआई के तौर-तरीके एक सूत्र में गुंथे हुए हैं:
*आतंकवाद का सहारा:* पाकिस्तान ने आतंकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की नीति अपनाई है, जिसका उद्देश्य भारत में अस्थिरता फैलाना है।
*गृहयुद्ध भड़काने की कोशिश:* पाकिस्तान की कोशिश है कि भारत में गृहयुद्ध भड़काया जाए, जिससे देश की एकता और अखंडता को खतरा हो।
*आईएसआई की भूमिका:* आईएसआई ने आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने और उन्हें प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
*भारत की चुनौती:* भारत को पाकिस्तान की इन गतिविधियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा और अपनी सुरक्षा और एकता को बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।
शेखर गुप्ता के इस कॉलम में पाकिस्तान और आईएसआई की गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की गई है और भारत के लिए चुनौतियों को उजागर किया गया है।
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