मामले का विवरण:
भोपाल में कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया और उनके साथ दुष्कर्म किया गया। पीड़िताओं का कहना है कि आरोपियों ने उन्हें फंसाने के लिए दोस्ती का सहारा लिया और फिर उन्हें अपने जाल में फंसा लिया।
कब और कैसे हुआ?
पीड़िताओं के अनुसार, यह घटना कुछ महीने पहले की है, जब वे अपनी पढ़ाई कर रही थीं। आरोपियों ने उन्हें अपने विश्वास में लिया और फिर उन्हें अपने घर बुलाकर उनके साथ दुष्कर्म किया।
आरोपी कौन हैं?
आरोपियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पीड़िताओं ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोपियों के नाम और उनकी गतिविधियों का विवरण दिया है।
अजमेर कांड से तुलना:
इस मामले की तुलना 1992 के अजमेर कांड से की जा रही है, जिसमें कुछ युवतियों को अगवा कर उनके साथ दुष्कर्म किया गया था। दोनों मामलों में समानता यह है कि दोनों में ही पीड़िताओं को फंसाने के लिए आरोपियों ने दोस्ती और विश्वास का सहारा लिया था।
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश की जा रही है। पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है।
यह मामला बहुत ही गंभीर है और इसके लिए दोषियों को सजा दिलाना आवश्यक है। हमें उम्मीद है कि पुलिस आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलाएगी।
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